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धारा 31- सदभावपूर्वक दी गई संसूचना

धारा 31- सदभावपूर्वक दी गई संसूचना
काल्पनिक चित्र 

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 31

 (सदभावपूर्वक दी गई संसूचना)

सदभावपूर्वक दी गई संसूचना उस अपहानि के कारण अपराध नही है जो उस व्यक्ति को हो जिसे वह दी गई है, यदि वह उस व्यक्ति के फायदे के लिए दी गई हो 

उदाहरण- मुकेश एक शल्य चिकित्सक, एक रोगी को सदभावपूर्वक यह संसूचित करता है कि उसकी राय में वह जीवित नहीं रह सकता इस आघात के परिणाम स्वरूप उस रोगी की मृत्यु हो जाती है, मुकेश ने कोई अपराध नहीं किया है, यघपि वह जानता था कि उस संसूचना से उस रोगी की मृत्यु कारित होना सम्भाव्य है।


(IPC) की धारा 93 को (BNS) की धारा 31 में बदल दिया गया है।
(IPC) की धारा 93 को (BNS) की धारा 31 में बदल दिया गया है।


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